
पीटर शिफ़, जो सोने के प्रबल समर्थक और बिटकॉइन के स्थायी आलोचक माने जाते हैं, ने एक और क्रिप्टो संकट (crypto apocalypse) की भविष्यवाणी की है। इस बार अर्थशास्त्री ने इसके लिए ट्रंप प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि चीन पर लगाए गए टैरिफ न सिर्फ़ वैश्विक ट्रेड को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि क्रिप्टोकरेंसीज़ पर भी असर डाल रहे हैं। बिटकॉइन (BTC) के $110,200 से नीचे गिरने ने सोने के समर्थकों — जैसे पीटर शिफ़ — के तर्कों को मज़बूती दी है कि बाज़ार अब पारंपरिक परिसंपत्तियों (traditional assets) की ओर रुख कर रहा है।
उनके अनुसार, हर नई गिरावट “खरीदने का मौका” नहीं, बल्कि ज़िद्दी आशावादियों के लिए चेतावनी है। उनके तर्क से, अब डोनाल्ड ट्रंप का कोई सोशल मीडिया पोस्ट भी क्रिप्टो मार्केट को नहीं बचा सकता, जबकि सोना फिर से अपने “शाश्वत मूल्य के भंडार” (eternal store of value) के सिंहासन को पाने के लिए तैयार है — ख़ासकर तब, जब एक औंस सोने की क़ीमत $4,100 को पार कर चुकी है।
अपने पुराने जोश के साथ, इस अर्थशास्त्री ने “क्रिप्टो भ्रम के अपरिहार्य पतन” और सोने की जीत की भविष्यवाणी की है। उनका मानना है कि वॉल स्ट्रीट निवेशक अब बिटकॉइन से ऊब चुके हैं, बुलबुला अपनी सीमा तक फुल चुका है, और अब समय आ गया है कि लोग सोने जैसे पारंपरिक निवेशों की ओर लौटें।
हालाँकि, बाज़ार ने अब तक शिफ़ की इस विनाशकारी भविष्यवाणी को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज़ अब भी अपनी आंतरिक मज़बूती और निवेशकों की रुचि को बनाए हुए हैं।