
व्हाइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने घोषणा की कि WTO मूल रूप से अमेरिका के खिलाफ बनाया गया था, मानो यह एक गुप्त दस्तावेज़ हो जिसका शीर्षक था “अमेरिका को कमजोर कैसे करें।” उनके अनुसार, पूरा सिस्टम — जिसमें सबसे-प्राथमिक-राष्ट्र (Most-Favored-Nation) व्यवस्था भी शामिल है — शुरुआत से ही इस तरह तैयार किया गया था कि अमेरिका को “अमीर खलनायक” की भूमिका में रखा जाए, जिसे ऊँचे टैरिफ और चालाक गैर-टैरिफ खामियों को सहना पड़े।
नवारो ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के एक कार्यक्रम में कहा, “हमने तय किया कि अब उन नियमों के हिसाब से खेलना बंद करने का समय आ गया है।” उनका दावा था कि ट्रम्प ने WTO के सामने “न्याय के हथौड़े” के साथ कदम रखा और टैरिफ मानकों, गैर-टैरिफ उपायों और यहाँ तक कि डिजिटल विनियमों में संशोधन की मांग की। इसके जवाब में, अमेरिका को न केवल सहमति मिली बल्कि यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के समर्थन में नए निवेश भी प्राप्त हुए।
पीटर नवारो ने यह भी कहा कि “ईमानदारी और स्पष्टवादिता” अब विश्व नेताओं के बीच अपने सर्वोच्च स्तर पर है। शायद उनका मतलब उस तरह की स्पष्टवादिता से था जब वाशिंगटन फ़ोन कर कहता है, “आइए बातचीत करें — लेकिन पहले हमारी शर्तों के करीब आइए।”
सलाहकार ने मुख्य संदेश पर ज़ोर दिया — इतिहास हमारी आँखों के सामने बन रहा है, और अमेरिका यह साबित कर रहा है कि अगर आपके पास सही सोच और टैरिफ पैमाने का सटीक आकलन है, तो वैश्विक ट्रेड सिस्टम को वास्तव में पुनर्निर्मित किया जा सकता है।